महाभारतम् — 3.298.12
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच अरणी-सहितम् यस्य मृग आदाय गच्छति तस्य अग्नयः न लुप्येरन् प्रथमो ऽस्तु वरो मम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अरणी | अरणी | pos=n,comp=y |
सहितम् | सहित | pos=a,g=m,c=2,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मृग | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आदाय | आदा | pos=vi |
गच्छति | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अग्नयः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न | न | pos=i |
लुप्येरन् | लुप् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
प्रथमो | प्रथम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
वरो | वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |