महाभारतम् — 3.290.12
Original
Segmented
सूर्य उवाच गमिष्ये ऽहम् यथा माम् त्वम् ब्रवीषि तनु-मध्यमे न तु देवम् समाहूय न्याय्यम् प्रेषयितुम् वृथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सूर्य | सूर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गमिष्ये | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
ब्रवीषि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
तनु | तनु | pos=a,comp=y |
मध्यमे | मध्यम | pos=n,g=f,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
तु | तु | pos=i |
देवम् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समाहूय | समाह्वा | pos=vi |
न्याय्यम् | न्याय्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
प्रेषयितुम् | प्रेषय् | pos=vi |
वृथा | वृथा | pos=i |