Original

श्रेयो यदत्र धर्मज्ञ ब्रूहि मे तदसंशयम् ।करिष्यामि हि तत्सर्वं यथावदनुशासनम् ॥ ४ ॥

Segmented

श्रेयो यद् अत्र धर्म-ज्ञ ब्रूहि मे तद् असंशयम् करिष्यामि हि तत् सर्वम् यथावद् अनुशासनम्

Analysis

Word Lemma Parse
श्रेयो श्रेयस् pos=n,g=n,c=1,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अत्र अत्र pos=i
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
असंशयम् असंशय pos=n,g=m,c=2,n=s
करिष्यामि कृ pos=v,p=1,n=s,l=lrt
हि हि pos=i
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=2,n=s
यथावद् यथावत् pos=i
अनुशासनम् अनुशासन pos=n,g=n,c=2,n=s