Original

क्षमा स्विच्छ्रेयसी तात उताहो तेज इत्युत ।एतन्मे संशयं तात यथावद्ब्रूहि पृच्छते ॥ ३ ॥

Segmented

क्षमा स्विद् श्रेयसी तात उत अहो तेज इत्य् उत एतन् मे संशयम् तात यथावद् ब्रूहि पृच्छते

Analysis

Word Lemma Parse
क्षमा क्षमा pos=n,g=f,c=1,n=s
स्विद् स्विद् pos=i
श्रेयसी श्रेयस् pos=a,g=f,c=1,n=s
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
उत उत pos=i
अहो अहो pos=i
तेज तेजस् pos=n,g=n,c=1,n=s
इत्य् इति pos=i
उत उत pos=i
एतन् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
संशयम् संशय pos=n,g=m,c=2,n=s
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
यथावद् यथावत् pos=i
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पृच्छते प्रच्छ् pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part