महाभारतम् — 3.29.22
Original
Segmented
यस्माद् उद्विजते लोकः कथम् तस्य भवो भवेत् अन्तरम् हि अस्य दृष्ट्वा एव लोको विकुरुते ध्रुवम् तस्मान् न अति उत्सृजेत् तेजो न च नित्यम् मृदुः भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्माद् | यद् | pos=n,g=m,c=5,n=s |
उद्विजते | उद्विज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
लोकः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भवो | भव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
एव | एव | pos=i |
लोको | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विकुरुते | विकृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
तस्मान् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
न | न | pos=i |
अति | अति | pos=i |
उत्सृजेत् | उत्सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तेजो | तेजस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
मृदुः | मृदु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |