महाभारतम् — 3.287.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच किम् तद् गुह्यम् न च आख्यातम् कर्णाय इह उष्णरश्मि कीदृशे कुण्डले ते च कवचम् च एव कीदृशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
गुह्यम् | गुह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
आख्यातम् | आख्या | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कर्णाय | कर्ण | pos=n,g=m,c=4,n=s |
इह | इह | pos=i |
उष्णरश्मि | उष्णरश्मि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
कीदृशे | कीदृश | pos=a,g=n,c=1,n=d |
कुण्डले | कुण्डल | pos=n,g=n,c=1,n=d |
ते | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=d |
च | च | pos=i |
कवचम् | कवच | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
कीदृशम् | कीदृश | pos=a,g=n,c=1,n=s |