Original

प्राप्स्यामि परमं लोके यशः स्वर्भानुसूदन ।जीवितेनापि मे रक्ष्या कीर्तिस्तद्विद्धि मे व्रतम् ॥ ३८ ॥

Segmented

प्राप्स्यामि परमम् लोके यशः स्वर्भानु-सूदन जीवितेन अपि मे रक्ष्या कीर्तिस् तद् विद्धि मे व्रतम्

Analysis

Word Lemma Parse
प्राप्स्यामि प्राप् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
परमम् परम pos=a,g=n,c=2,n=s
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
यशः यशस् pos=n,g=n,c=2,n=s
स्वर्भानु स्वर्भानु pos=n,comp=y
सूदन सूदन pos=a,g=m,c=8,n=s
जीवितेन जीवित pos=n,g=n,c=3,n=s
अपि अपि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
रक्ष्या रक्ष् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya
कीर्तिस् कीर्ति pos=n,g=f,c=1,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
व्रतम् व्रत pos=n,g=n,c=2,n=s