महाभारतम् — 3.282.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच एतस्मिन् एव काले तु द्युमत्सेनो महा-वने लब्ध-चक्षुः प्रसन्न-आत्मा दृष्ट्या सर्वम् ददर्श ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एतस्मिन् | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
एव | एव | pos=i |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
द्युमत्सेनो | द्युमत्सेन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
चक्षुः | चक्षुस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रसन्न | प्रसद् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दृष्ट्या | दृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |