महाभारतम् — 3.281.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच अथ भार्या-सहायः स फलानि आदाय वीर्यवान् कठिनम् पूरयामास ततः काष्ठानि अपाटयत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अथ | अथ | pos=i |
भार्या | भार्या | pos=n,comp=y |
सहायः | सहाय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
फलानि | फल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
आदाय | आदा | pos=vi |
वीर्यवान् | वीर्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कठिनम् | कठिन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पूरयामास | पूरय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ततः | ततस् | pos=i |
काष्ठानि | काष्ठ | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अपाटयत् | पाटय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |