Original

अनुवर्तती तु भर्तारं जगाम मृदुगामिनी ।द्विधेव हृदयं कृत्वा तं च कालमवेक्षती ॥ ३३ ॥

Segmented

अनुवर्तती तु भर्तारम् जगाम मृदु-गामिनी द्विधा इव हृदयम् कृत्वा तम् च कालम् अवेक्षती

Analysis

Word Lemma Parse
अनुवर्तती अनुवृत् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
तु तु pos=i
भर्तारम् भर्तृ pos=n,g=m,c=2,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मृदु मृदु pos=a,comp=y
गामिनी गामिन् pos=a,g=f,c=1,n=s
द्विधा द्विधा pos=i
इव इव pos=i
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
कालम् काल pos=n,g=m,c=2,n=s
अवेक्षती अवेक्ष् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part