Original

नारद उवाच ।स्थिरा बुद्धिर्नरश्रेष्ठ सावित्र्या दुहितुस्तव ।नैषा चालयितुं शक्या धर्मादस्मात्कथंचन ॥ २८ ॥

Segmented

नारद उवाच स्थिरा बुद्धिः नर-श्रेष्ठ सावित्र्या दुहितुस् तव न एषा चालयितुम् शक्या धर्माद् अस्मात् कथंचन

Analysis

Word Lemma Parse
नारद नारद pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
स्थिरा स्थिर pos=a,g=f,c=1,n=s
बुद्धिः बुद्धि pos=n,g=f,c=1,n=s
नर नर pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
सावित्र्या सावित्री pos=n,g=f,c=6,n=s
दुहितुस् दुहितृ pos=n,g=f,c=6,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
pos=i
एषा एतद् pos=n,g=f,c=1,n=s
चालयितुम् चालय् pos=vi
शक्या शक्य pos=a,g=f,c=1,n=s
धर्माद् धर्म pos=n,g=m,c=5,n=s
अस्मात् इदम् pos=n,g=m,c=5,n=s
कथंचन कथंचन pos=i