महाभारतम् — 3.277.19
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच स तथा इति प्रतिज्ञाय सावित्र्या वचनम् नृपः प्रसादयामास पुनः क्षिप्रम् एवम् भवेद् इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
इति | इति | pos=i |
प्रतिज्ञाय | प्रतिज्ञा | pos=vi |
सावित्र्या | सावित्री | pos=n,g=f,c=6,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
नृपः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रसादयामास | प्रसादय् | pos=v,p=1,n=s,l=lit |
पुनः | पुनर् | pos=i |
क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |