महाभारतम् — 3.275.67
Original
Segmented
अभ्यर्च्य विविधै प्रीति-युक्तौ प्रीतियुक्तौ मुदा समाधाय इतिकर्तव्यम् दुःखेन विससर्ज ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभ्यर्च्य | अभ्यर्च् | pos=vi |
विविधै | रत्न | pos=n,g=n,c=3,n=p |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
युक्तौ | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
प्रीतियुक्तौ | मुद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
मुदा | युत | pos=a,g=m,c=1,n=d |
समाधाय | समाधा | pos=vi |
इतिकर्तव्यम् | इतिकर्तव्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
विससर्ज | विसृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |