Original

तत्र सीता मया दृष्टा रावणान्तःपुरे सती ।उपवासतपःशीला भर्तृदर्शनलालसा ।जटिला मलदिग्धाङ्गी कृशा दीना तपस्विनी ॥ ५८ ॥

Segmented

तत्र सीता मया दृष्टा रावण-अन्तःपुरे सती उपवास-तपः-शीला भर्तृ-दर्शन-लालसा जटिला मल-दिग्ध-अङ्गी कृशा दीना तपस्विनी

Analysis

Word Lemma Parse
तत्र तत्र pos=i
सीता सीता pos=n,g=f,c=1,n=s
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
दृष्टा दृश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
रावण रावण pos=n,comp=y
अन्तःपुरे अन्तःपुर pos=n,g=n,c=7,n=s
सती सती pos=n,g=f,c=1,n=s
उपवास उपवास pos=n,comp=y
तपः तपस् pos=n,comp=y
शीला शील pos=n,g=f,c=1,n=s
भर्तृ भर्तृ pos=n,comp=y
दर्शन दर्शन pos=n,comp=y
लालसा लालस pos=a,g=f,c=1,n=s
जटिला जटिल pos=a,g=f,c=1,n=s
मल मल pos=n,comp=y
दिग्ध दिह् pos=va,comp=y,f=part
अङ्गी अङ्ग pos=a,g=f,c=1,n=s
कृशा कृश pos=a,g=f,c=1,n=s
दीना दीन pos=a,g=f,c=1,n=s
तपस्विनी तपस्विनी pos=n,g=f,c=1,n=s