महाभारतम् — 3.266.57
Original
Segmented
न अध्यवस्यत् यदा कश्चित् सागरस्य विलङ्घने ततः पितरम् आविश्य पुप्लुवे ऽहम् महा-अर्णवम् शत-योजन-विस्तीर्णम् निहत्य जल-राक्षसीम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अध्यवस्यत् | अध्यवसो | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
यदा | यदा | pos=i |
कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विलङ्घने | विलङ्घन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
पितरम् | पितृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आविश्य | आविश् | pos=vi |
पुप्लुवे | प्लु | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
अर्णवम् | अर्णव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शत | शत | pos=n,comp=y |
योजन | योजन | pos=n,comp=y |
विस्तीर्णम् | विस्तृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
निहत्य | निहन् | pos=vi |
जल | जल | pos=n,comp=y |
राक्षसीम् | राक्षसी | pos=n,g=f,c=2,n=s |