महाभारतम् — 3.265.21
Original
Segmented
न चैवोपयिकी भार्या मानुषी कृपणा विवशाम् धर्षयित्वा च काम् त्वम् प्रीतिम् अवाप्स्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
चैवोपयिकी | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भार्या | मानुष | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मानुषी | कृपण | pos=a,g=f,c=1,n=s |
कृपणा | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विवशाम् | विवश | pos=a,g=f,c=2,n=s |
धर्षयित्वा | धर्षय् | pos=vi |
च | च | pos=i |
काम् | क | pos=n,g=f,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अवाप्स्यसि | अवाप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |