Original

क्षीयतां दुष्कृतं कर्म वनवासकृतं तव ।भार्या मे भव सुश्रोणि यथा मन्दोदरी तथा ॥ १६ ॥

Segmented

क्षीयताम् दुष्कृतम् कर्म वन-वास-कृतम् तव भार्या मे भव सुश्रोणि यथा मन्दोदरी तथा

Analysis

Word Lemma Parse
क्षीयताम् क्षि pos=v,p=3,n=s,l=lot
दुष्कृतम् दुष्कृत pos=a,g=n,c=1,n=s
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
वन वन pos=n,comp=y
वास वास pos=n,comp=y
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
भार्या भार्या pos=n,g=f,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
सुश्रोणि सुश्रोणी pos=n,g=f,c=8,n=s
यथा यथा pos=i
मन्दोदरी मन्दोदरी pos=n,g=f,c=1,n=s
तथा तथा pos=i