Original

हर्षमेष्यसि वैदेहि क्षिप्रं भर्तृसमन्विता ।राघवेण सह भ्रात्रा सीते त्वमचिरादिव ॥ ७१ ॥

Segmented

हर्षम् एष्यसि वैदेहि क्षिप्रम् भर्तृ-समन्विता राघवेण सह भ्रात्रा सीते त्वम् अचिराद् इव

Analysis

Word Lemma Parse
हर्षम् हर्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
एष्यसि pos=v,p=2,n=s,l=lrt
वैदेहि वैदेही pos=n,g=f,c=8,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
भर्तृ भर्तृ pos=n,comp=y
समन्विता समन्वित pos=a,g=f,c=1,n=s
राघवेण राघव pos=n,g=m,c=3,n=s
सह सह pos=i
भ्रात्रा भ्रातृ pos=n,g=m,c=3,n=s
सीते सीता pos=n,g=f,c=8,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
अचिराद् अचिर pos=a,g=n,c=5,n=s
इव इव pos=i