महाभारतम् — 3.262.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच मारीचस् तु अथ संभ्रान्तो दृष्ट्वा रावणम् आगतम् पूजयामास सत्कारैः फल-मूल-आदिभिः तथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मारीचस् | मारीच | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
अथ | अथ | pos=i |
संभ्रान्तो | सम्भ्रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
रावणम् | रावण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आगतम् | आगम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
पूजयामास | पूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सत्कारैः | सत्कार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
फल | फल | pos=n,comp=y |
मूल | मूल | pos=n,comp=y |
आदिभिः | आदि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तथा | तथा | pos=i |