Original

स तद्राजा वचः श्रुत्वा विप्रियं दारुणोदयम् ।दुःखार्तो भरतश्रेष्ठ न किंचिद्व्याजहार ह ॥ २६ ॥

Segmented

स तद् राजा वचः श्रुत्वा विप्रियम् दारुण-उदयम् दुःख-आर्तः भरत-श्रेष्ठ न किंचिद् व्याजहार ह

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
वचः वचस् pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
विप्रियम् विप्रिय pos=n,g=n,c=2,n=s
दारुण दारुण pos=a,comp=y
उदयम् उदय pos=n,g=n,c=2,n=s
दुःख दुःख pos=n,comp=y
आर्तः आर्त pos=a,g=m,c=1,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
pos=i
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=2,n=s
व्याजहार व्याहृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i