महाभारतम् — 3.26.7
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच न तात हृष्यामि न च स्मयामि प्रहर्ष-जः माम् भजते न दर्पः ते आपदम् तु अद्य समीक्ष्य रामम् सत्य-व्रतम् दाशरथिम् स्मरामि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
हृष्यामि | हृष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
स्मयामि | स्मि | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
प्रहर्ष | प्रहर्ष | pos=n,comp=y |
जः | ज | pos=a,g=m,c=1,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
भजते | भज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
दर्पः | दर्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आपदम् | आपद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
अद्य | अद्य | pos=i |
समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सत्य | सत्य | pos=a,comp=y |
व्रतम् | व्रत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दाशरथिम् | दाशरथि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्मरामि | स्मृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |