Original

भार्याभिहर्ता निर्वैरो यश्च राज्यहरो रिपुः ।याचमानोऽपि संग्रामे न स जीवितुमर्हति ॥ ४६ ॥

Segmented

भार्या-अभिहर्ता निर्वैरो यः च राज्य-हरः रिपुः याचमानो ऽपि संग्रामे न स जीवितुम् अर्हति

Analysis

Word Lemma Parse
भार्या भार्या pos=n,comp=y
अभिहर्ता अभिहर्तृ pos=n,g=m,c=1,n=s
निर्वैरो निर्वैर pos=a,g=m,c=1,n=s
यः यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
राज्य राज्य pos=n,comp=y
हरः हर pos=a,g=m,c=1,n=s
रिपुः रिपु pos=n,g=m,c=1,n=s
याचमानो याच् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽपि अपि pos=i
संग्रामे संग्राम pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
जीवितुम् जीव् pos=vi
अर्हति अर्ह् pos=v,p=3,n=s,l=lat