महाभारतम् — 3.254.18
Original
Segmented
स एष शूरो नित्यम् अमर्षणः च धीमान् प्राज्ञः सहदेवः पतिः मे त्यजेत् प्राणान् प्रविशेत् हव्यवाहम् न तु एव एष व्याहरेद् धर्म-बाह्यम् सदा मनस्वी क्षत्र-धर्मे निविष्टः कुन्त्याः प्राणैः इष्टतमो नृ-वीरः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शूरो | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
अमर्षणः | अमर्षण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
धीमान् | धीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्राज्ञः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सहदेवः | सहदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पतिः | पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
त्यजेत् | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रविशेत् | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
हव्यवाहम् | हव्यवाह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
तु | तु | pos=i |
एव | एव | pos=i |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्याहरेद् | व्याहृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
बाह्यम् | बाह्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
मनस्वी | मनस्विन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
क्षत्र | क्षत्र | pos=n,comp=y |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निविष्टः | निविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कुन्त्याः | कुन्ती | pos=n,g=f,c=6,n=s |
प्राणैः | प्राण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इष्टतमो | इष्टतम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नृ | नृ | pos=n,comp=y |
वीरः | वीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |