महाभारतम् — 3.252.15
Original
Segmented
यदा किरीटी पर-वीर-घाती निघ्नन् रथ-स्थः द्विषताम् मनांसि मद्-अन्तरे त्वद्-ध्वजिनीम् प्रवेष्टा कक्षम् दहन्न् अग्निः इव उष्णगेषु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
किरीटी | किरीटिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पर | पर | pos=n,comp=y |
वीर | वीर | pos=n,comp=y |
घाती | घातिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निघ्नन् | निहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
रथ | रथ | pos=n,comp=y |
स्थः | स्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
द्विषताम् | द्विष् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
मनांसि | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
अन्तरे | अन्तर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
ध्वजिनीम् | ध्वजिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रवेष्टा | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
कक्षम् | कक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दहन्न् | दह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
उष्णगेषु | उष्णग | pos=n,g=m,c=7,n=p |