Original

स प्रविश्याश्रमं शून्यं सिंहगोष्ठं वृको यथा ।आत्मना सप्तमः कृष्णामिदं वचनमब्रवीत् ॥ ८ ॥

Segmented

स प्रविश्य आश्रमम् शून्यम् सिंह-गोष्ठम् वृको यथा आत्मना सप्तमः कृष्णाम् इदम् वचनम् अब्रवीत्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रविश्य प्रविश् pos=vi
आश्रमम् आश्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
शून्यम् शून्य pos=a,g=m,c=2,n=s
सिंह सिंह pos=n,comp=y
गोष्ठम् गोष्ठ pos=n,g=m,c=2,n=s
वृको वृक pos=n,g=m,c=1,n=s
यथा यथा pos=i
आत्मना आत्मन् pos=n,g=m,c=3,n=s
सप्तमः सप्तम pos=a,g=m,c=1,n=s
कृष्णाम् कृष्णा pos=n,g=f,c=2,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
वचनम् वचन pos=n,g=n,c=2,n=s
अब्रवीत् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan