Original

जयद्रथ उवाच ।कुशलं प्रातराशस्य सर्वा मेऽपचितिः कृता ।एहि मे रथमारोह सुखमाप्नुहि केवलम् ॥ १४ ॥

Segmented

जयद्रथ उवाच कुशलम् प्रातराशस्य सर्वा मे ऽपचितिः कृता एहि मे रथम् आरोह सुखम् आप्नुहि केवलम्

Analysis

Word Lemma Parse
जयद्रथ जयद्रथ pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
कुशलम् कुशल pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रातराशस्य प्रातराश pos=n,g=m,c=6,n=s
सर्वा सर्व pos=n,g=f,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽपचितिः अपचिति pos=n,g=f,c=1,n=s
कृता कृ pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
एहि pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
रथम् रथ pos=n,g=m,c=2,n=s
आरोह आरुह् pos=v,p=2,n=s,l=lot
सुखम् सुख pos=n,g=n,c=2,n=s
आप्नुहि आप् pos=v,p=2,n=s,l=lot
केवलम् केवल pos=a,g=n,c=2,n=s