महाभारतम् — 3.25.7
Original
Segmented
यः सर्व-लोक-द्वाराणि नित्यम् संचरते वशी देव-लोकात् ब्रह्म-लोकम् गन्धर्व-अप्सरसाम् अपि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
द्वाराणि | द्वार | pos=n,g=n,c=2,n=p |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
संचरते | संचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वशी | वशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
देव | देव | pos=n,comp=y |
लोकात् | लोक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गन्धर्व | गन्धर्व | pos=n,comp=y |
अप्सरसाम् | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |