Original

अतीव रूपेण समन्विता त्वं न चाप्यरण्येषु बिभेषि किं नु ।देवी नु यक्षी यदि दानवी वा वराप्सरा दैत्यवराङ्गना वा ॥ २ ॥

Segmented

अतीव रूपेण समन्विता त्वम् न च अपि अरण्येषु बिभेषि किम् नु देवी नु यक्षी यदि दानवी वा वर-अप्सरा दैत्य-वर-अङ्गना वा

Analysis

Word Lemma Parse
अतीव अतीव pos=i
रूपेण रूप pos=n,g=n,c=3,n=s
समन्विता समन्वित pos=a,g=f,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
pos=i
pos=i
अपि अपि pos=i
अरण्येषु अरण्य pos=n,g=n,c=7,n=p
बिभेषि भी pos=v,p=2,n=s,l=lat
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
नु नु pos=i
देवी देवी pos=n,g=f,c=1,n=s
नु नु pos=i
यक्षी यक्षी pos=n,g=f,c=1,n=s
यदि यदि pos=i
दानवी दानवी pos=n,g=f,c=1,n=s
वा वा pos=i
वर वर pos=a,comp=y
अप्सरा अप्सरस् pos=n,g=f,c=1,n=s
दैत्य दैत्य pos=n,comp=y
वर वर pos=a,comp=y
अङ्गना अङ्गना pos=n,g=f,c=1,n=s
वा वा pos=i