महाभारतम् — 3.249.1
Original
Segmented
कोटिकाश्य उवाच का त्वम् कदम्बस्य विनम्य शाखाम् एक-आश्रमे तिष्ठसि शोभमाना देदीप्य् अग्नि-शिखा इव नक्तम् दोधूयमाना पवनेन सुभ्रूः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कोटिकाश्य | कोटिकाश्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
का | क | pos=n,g=f,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
कदम्बस्य | कदम्ब | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विनम्य | विनम् | pos=vi |
शाखाम् | शाखा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
एक | एक | pos=n,comp=y |
आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तिष्ठसि | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
शोभमाना | शुभ् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
देदीप्य् | देदीप्य् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
शिखा | शिखा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
नक्तम् | नक्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दोधूयमाना | दोधूय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
पवनेन | पवन | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सुभ्रूः | सुभ्रू | pos=n,g=f,c=1,n=s |