Original

तुल्यनिन्दास्तुतिर्भूत्वा समलोष्टाश्मकाञ्चनः ।ज्ञानयोगेन शुद्धेन ध्याननित्यो बभूव ह ॥ ४२ ॥

Segmented

तुल्य-निन्दा-स्तुतिः भूत्वा सम-लोष्ट-अश्म-काञ्चनः ज्ञान-योगेन शुद्धेन ध्यान-नित्यः बभूव ह

Analysis

Word Lemma Parse
तुल्य तुल्य pos=a,comp=y
निन्दा निन्दा pos=n,comp=y
स्तुतिः स्तुति pos=n,g=m,c=1,n=s
भूत्वा भू pos=vi
सम सम pos=n,comp=y
लोष्ट लोष्ट pos=n,comp=y
अश्म अश्मन् pos=n,comp=y
काञ्चनः काञ्चन pos=n,g=m,c=1,n=s
ज्ञान ज्ञान pos=n,comp=y
योगेन योग pos=n,g=m,c=3,n=s
शुद्धेन शुद्ध pos=a,g=m,c=3,n=s
ध्यान ध्यान pos=n,comp=y
नित्यः नित्य pos=a,g=m,c=1,n=s
बभूव भू pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i