महाभारतम् — 3.242.7
Original
Segmented
तत्र कंचित् प्रयातम् तु दूतम् दुःशासनो ऽब्रवीत् गच्छ द्वैतवनम् शीघ्रम् पाण्डवान् पाप-पूरुषान् निमन्त्रय यथान्यायम् विप्रान् तस्मिन् महा-वने
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
कंचित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रयातम् | प्रया | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
दूतम् | दूत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दुःशासनो | दुःशासन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
द्वैतवनम् | द्वैतवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शीघ्रम् | शीघ्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
पूरुषान् | पूरुष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
निमन्त्रय | निमन्त्रय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
विप्रान् | विप्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |