महाभारतम् — 3.240.22
Original
Segmented
तस्माद् अस्माभिः अपि अत्र दैत्याः शत-सहस्रशस् नियुक्ता राक्षसाः च एव ये ते संशप्तका इति प्रख्यातास् ते ऽर्जुनम् वीरम् निहनिष्यन्ति मा शुचः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्माद् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अस्माभिः | मद् | pos=n,g=,c=3,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
दैत्याः | दैत्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शत | शत | pos=n,comp=y |
सहस्रशस् | सहस्रशस् | pos=i |
नियुक्ता | नियुज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
राक्षसाः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
संशप्तका | संशप्तक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
इति | इति | pos=i |
प्रख्यातास् | प्रख्या | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽर्जुनम् | अर्जुन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वीरम् | वीर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निहनिष्यन्ति | निहन् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
मा | मा | pos=i |
शुचः | शुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |