महाभारतम् — 3.238.35
Original
Segmented
यदा च शोचतः शोको व्यसनम् न अपकर्षति सामर्थ्यम् किम् तु अतस् शोके शोचमानौ प्रपश्यथः धृतिम् गृह्णीत मा शत्रून् शुच् नन्दयिष्यथः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
च | च | pos=i |
शोचतः | शुच् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
शोको | शोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अपकर्षति | अपकृष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सामर्थ्यम् | सामर्थ्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
अतस् | अतस् | pos=i |
शोके | शोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शोचमानौ | शुच् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
प्रपश्यथः | प्रपश् | pos=v,p=2,n=d,l=lat |
धृतिम् | धृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गृह्णीत | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
मा | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
शुच् | शुच् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
नन्दयिष्यथः | नन्दय् | pos=v,p=2,n=d,l=lrt |