Original

न ह्यहं प्रतियास्यामि पुरं शत्रुनिराकृतः ।शत्रुमानापहो भूत्वा सुहृदां मानकृत्तथा ॥ १२ ॥

Segmented

न हि अहम् प्रतियास्यामि पुरम् शत्रु-निराकृतः शत्रु-मान-अपहः भूत्वा सुहृदाम् मान-कृत् तथा

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
हि हि pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
प्रतियास्यामि प्रतिया pos=v,p=1,n=s,l=lrt
पुरम् पुर pos=n,g=n,c=2,n=s
शत्रु शत्रु pos=n,comp=y
निराकृतः निराकृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
शत्रु शत्रु pos=n,comp=y
मान मान pos=n,comp=y
अपहः अपह pos=a,g=m,c=1,n=s
भूत्वा भू pos=vi
सुहृदाम् सुहृद् pos=n,g=m,c=6,n=p
मान मान pos=n,comp=y
कृत् कृत् pos=a,g=m,c=1,n=s
तथा तथा pos=i