महाभारतम् — 3.225.4
Original
Segmented
ततः कदाचित् कुशलः कथासु विप्रो ऽभ्यगच्छद् भुवि कौरवेयान् स तैः समेत्य अथ यदृच्छया एव वैचित्रवीर्यम् नृपम् अभ्यगच्छत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
कदाचित् | कदाचिद् | pos=i |
कुशलः | कुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कथासु | कथा | pos=n,g=f,c=7,n=p |
विप्रो | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभ्यगच्छद् | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भुवि | भू | pos=n,g=f,c=7,n=s |
कौरवेयान् | कौरवेय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
समेत्य | समे | pos=vi |
अथ | अथ | pos=i |
यदृच्छया | यदृच्छा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
वैचित्रवीर्यम् | वैचित्रवीर्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नृपम् | नृप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभ्यगच्छत् | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |