Original

तव वश्या हि सततं पाण्डवाः प्रियदर्शने ।मुखप्रेक्षाश्च ते सर्वे तत्त्वमेतद्ब्रवीहि मे ॥ ५ ॥

Segmented

तव वश्या हि सततम् पाण्डवाः प्रिय-दर्शने मुख-प्रेक्षा च ते सर्वे तत्त्वम् एतद् ब्रवीहि मे

Analysis

Word Lemma Parse
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
वश्या वश्य pos=a,g=m,c=1,n=p
हि हि pos=i
सततम् सततम् pos=i
पाण्डवाः पाण्डव pos=n,g=m,c=1,n=p
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
दर्शने दर्शन pos=n,g=f,c=8,n=s
मुख मुख pos=n,comp=y
प्रेक्षा प्रेक्षा pos=n,g=m,c=1,n=p
pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
सर्वे सर्व pos=n,g=m,c=1,n=p
तत्त्वम् तत्त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रवीहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s