महाभारतम् — 3.221.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच यदा अभिषिक्तः भगवान् सेनापत्येन पावकिः तदा सम्प्रस्थितः श्रीमान् हृष्टो भद्रवटम् हरः रथेन आदित्य-वर्णेन पार्वत्या सहितः प्रभुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यदा | यदा | pos=i |
अभिषिक्तः | अभिषिच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सेनापत्येन | सेनापत्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
पावकिः | पावकि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
सम्प्रस्थितः | सम्प्रस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हृष्टो | हृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भद्रवटम् | भद्रवट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हरः | हर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रथेन | रथ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
आदित्य | आदित्य | pos=n,comp=y |
वर्णेन | वर्ण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
पार्वत्या | पार्वती | pos=n,g=f,c=3,n=s |
सहितः | सहित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |