महाभारतम् — 3.220.9
Original
Segmented
रुद्रेण अग्निम् समाविश्य स्वाहाम् आविश्य च उमया हित-अर्थम् सर्व-लोकानाम् जातस् त्वम् अपराजितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
रुद्रेण | रुद्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समाविश्य | समाविश् | pos=vi |
स्वाहाम् | स्वाहा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आविश्य | आविश् | pos=vi |
च | च | pos=i |
उमया | उमा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
हित | हित | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
जातस् | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अपराजितः | अपराजित | pos=a,g=m,c=1,n=s |