महाभारतम् — 3.220.5
Original
Segmented
स्कन्द उवाच हव्यम् कव्यम् च यत् किंचिद् द्विजा मन्त्र-पुरस्कृतम् होष्यन्ति अग्नौ सदा देवि स्वाहा इति उक्त्वा समुद्यतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्कन्द | स्कन्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
हव्यम् | हव्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कव्यम् | कव्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
द्विजा | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मन्त्र | मन्त्र | pos=n,comp=y |
पुरस्कृतम् | पुरस्कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
होष्यन्ति | हु | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
अग्नौ | अग्नि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
स्वाहा | स्वाहा | pos=i |
इति | इति | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
समुद्यतम् | समुद्यम् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |