महाभारतम् — 3.220.1
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच यदा स्कन्देन मातॄणाम् एवम् एतत् प्रियम् कृतम् अथ एनम् अब्रवीत् स्वाहा मम पुत्रस् त्वम् औरसः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यदा | यदा | pos=i |
स्कन्देन | स्कन्द | pos=n,g=m,c=3,n=s |
मातॄणाम् | मातृ | pos=n,g=f,c=6,n=p |
एवम् | एवम् | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अथ | अथ | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
स्वाहा | स्वाहा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
पुत्रस् | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
औरसः | औरस | pos=n,g=m,c=1,n=s |