महाभारतम् — 3.219.7
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच एवम् उक्ते ततः शक्रम् किम् कार्यम् इति सो ऽब्रवीत् उक्तः स्कन्देन ब्रूहि इति सो ऽब्रवीद् वासवस् ततः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्ते | वच् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
ततः | ततस् | pos=i |
शक्रम् | शक्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कार्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
इति | इति | pos=i |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
उक्तः | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स्कन्देन | स्कन्द | pos=n,g=m,c=3,n=s |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
वासवस् | वासव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |