महाभारतम् — 3.215.2
Original
Segmented
निवसन्ति वने ये तु तस्मिन् चैत्ररथे जनाः ते ऽब्रुवन्न् एष नो ऽनर्थः पावकेन आहृतः महान् संगम्य षड्भिः पत्नीभिः सप्तर्षीणाम् इति स्म ह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निवसन्ति | निवस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
चैत्ररथे | चैत्ररथ | pos=n,g=n,c=7,n=s |
जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽब्रुवन्न् | ब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नो | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
ऽनर्थः | अनर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पावकेन | पावक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
आहृतः | आहृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
संगम्य | संगम् | pos=vi |
षड्भिः | षष् | pos=n,g=f,c=3,n=p |
पत्नीभिः | पत्नी | pos=n,g=f,c=3,n=p |
सप्तर्षीणाम् | सप्तर्षि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
इति | इति | pos=i |
स्म | स्म | pos=i |
ह | ह | pos=i |