महाभारतम् — 3.213.31
Original
Segmented
समालोक्य एकताम् एव शशिनो भास्करस्य च समवायम् तु तम् रौद्रम् दृष्ट्वा शक्रो व्यचिन्तयत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समालोक्य | समालोकय् | pos=vi |
एकताम् | एकता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
शशिनो | शशिन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भास्करस्य | भास्कर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
समवायम् | समवाय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रौद्रम् | रौद्र | pos=a,g=m,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
शक्रो | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्यचिन्तयत् | विचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |