महाभारतम् — 3.207.12
Original
Segmented
सः उपासर्पत् शनैस् भीतस् तम् उवाच तदा अङ्गिराः शीघ्रम् एव भवस्व अग्निः त्वम् पुनः लोक-भावनः विज्ञातः च असि लोकेषु त्रिषु संस्थान-चारिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उपासर्पत् | उपसृप् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
शनैस् | शनैस् | pos=i |
भीतस् | भी | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तदा | तदा | pos=i |
अङ्गिराः | अङ्गिरस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शीघ्रम् | शीघ्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
भवस्व | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
भावनः | भावन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विज्ञातः | विज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
संस्थान | संस्थान | pos=n,comp=y |
चारिन् | चारिन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |