महाभारतम् — 3.207.11
Original
Segmented
कथम् अग्निः पुनः अहम् भवेयम् इति चिन्त्य सः अपश्यद् अग्नि-वत् लोकान् तापयन्तम् महा-मुनिम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कथम् | कथम् | pos=i |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
भवेयम् | भू | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |
चिन्त्य | चिन्तय् | pos=vi |
सः | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अपश्यद् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तापयन्तम् | तापय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
मुनिम् | मुनि | pos=n,g=m,c=2,n=s |