Original

आपृच्छे त्वां स्वस्ति तेऽस्तु धर्मस्त्वा परिरक्षतु ।अप्रमादस्तु कर्तव्यो धर्मे धर्मभृतां वर ॥ २८ ॥

Segmented

आपृच्छे त्वाम् स्वस्ति ते ऽस्तु धर्मस् त्वा परिरक्षतु अप्रमादस् तु कर्तव्यो धर्मे धर्म-भृताम् वर

Analysis

Word Lemma Parse
आपृच्छे आप्रच्छ् pos=v,p=1,n=s,l=lat
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
स्वस्ति स्वस्ति pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽस्तु अस् pos=v,p=3,n=s,l=lot
धर्मस् धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वा त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
परिरक्षतु परिरक्ष् pos=v,p=3,n=s,l=lot
अप्रमादस् अप्रमाद pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
कर्तव्यो कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
वर वर pos=a,g=m,c=8,n=s