Original

तपस्वी त्वं महात्मा च धर्मे च निरतः सदा ।सर्वमेतदपार्थं ते क्षिप्रं तौ संप्रसादय ॥ ९ ॥

Segmented

तपस्वी त्वम् महात्मा च धर्मे च निरतः सदा सर्वम् एतद् अपार्थम् ते क्षिप्रम् तौ संप्रसादय

Analysis

Word Lemma Parse
तपस्वी तपस्विन् pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
महात्मा महात्मन् pos=a,g=m,c=1,n=s
pos=i
धर्मे धर्म pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
निरतः निरत pos=a,g=m,c=1,n=s
सदा सदा pos=i
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=1,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अपार्थम् अपार्थ pos=a,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
तौ तद् pos=n,g=m,c=2,n=d
संप्रसादय संप्रसादय् pos=v,p=2,n=s,l=lot