Original

ब्राह्मण उवाच ।इहाहमागतो दिष्ट्या दिष्ट्या मे संगतं त्वया ।ईदृशा दुर्लभा लोके नरा धर्मप्रदर्शकाः ॥ १४ ॥

Segmented

ब्राह्मण उवाच इह अहम् आगतो दिष्ट्या दिष्ट्या मे संगतम् त्वया ईदृशा दुर्लभा लोके नरा धर्म-प्रदर्शकाः

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
इह इह pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
आगतो आगम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
संगतम् संगत pos=n,g=n,c=1,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
ईदृशा ईदृश pos=a,g=m,c=1,n=p
दुर्लभा दुर्लभ pos=a,g=m,c=1,n=p
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
नरा नर pos=n,g=m,c=1,n=p
धर्म धर्म pos=n,comp=y
प्रदर्शकाः प्रदर्शक pos=a,g=m,c=1,n=p