महाभारतम् — 3.201.11
Original
Segmented
यस् तु एतान् प्रज्ञया दोषान् पूर्वम् एव अनुपश्यति कुशलः सुख-दुःखेषु साधून् च अपि उपसेवते तस्य साधु-समारम्भात् बुद्धिः धर्मेषु जायते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस् | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रज्ञया | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पूर्वम् | पूर्वम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अनुपश्यति | अनुपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कुशलः | कुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
दुःखेषु | दुःख | pos=n,g=n,c=7,n=p |
साधून् | साधु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
उपसेवते | उपसेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
साधु | साधु | pos=a,comp=y |
समारम्भात् | समारम्भ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
धर्मेषु | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=p |
जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |