महाभारतम् — 3.201.10
Original
Segmented
स तेन असुखम् आप्नोति परत्र च विहन्यते पाप-आत्मा भवति हि एवम् धर्म-लाभम् तु मे शृणु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तेन | तेन | pos=i |
असुखम् | असुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आप्नोति | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
परत्र | परत्र | pos=i |
च | च | pos=i |
विहन्यते | विहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
लाभम् | लाभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |